Iran-Israel War: भारत से 8.86 बिलियन डॉलर के ट्रेड पर पड़ेगा सीधा असर! एक्सपर्ट्स ने इन मोर्चों पर जताई चिंता
Iran-Israel War- India Business Impact: ईरान के इजरायल पर मिसाइल से हमले के बाद मध्यपूर्व में तनाव बढ़ गया है. अगर दोनों देशों के बीच ये संघर्ष जारी रहता है, तो इसका असर भारत समेत पूरी दुनिया के व्यापार पर पड़ना निश्चित है. ईरान और इजरायल के साथ FY23 में भारत ने कुल 8.86 बिलियन डॉलर का व्यापार किया था.
Iran-Israel War- India Business Impact: ईरान के इजरायल पर मिसाइल से हमले के बाद मध्यपूर्व में तनाव बढ़ गया है. अगर दोनों देशों के बीच ये संघर्ष जारी रहता है, तो इसका असर भारत समेत पूरी दुनिया के व्यापार पर पड़ना निश्चित है. ट्रेड एक्सपर्ट्स का मानना है कि पश्चिम एशियाई क्षेत्र में संघर्ष बढ़ने से पहले से ही ऊंची लॉजिस्टिक्स लागत और बढ़ने के साथ ही कच्चे तेल, इलेक्ट्रॉनिक्स और कृषि जैसे क्षेत्रों में व्यापार को नुकसान पहुंच सकता है. ऐसा माना जा रहा है कि इजरायल और ईरान के बीच सीधा संघर्ष भारतीय निर्यातकों के लिए महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग लाल सागर को गंभीर रूप से बाधित कर सकता है. ऐसे में आइए समझते हैं कि व्यापार के लिहाज से भारत के लिए ईरान और इजरायल किन मौर्चों पर महत्वपूर्ण हैं.
दोनो देशों से भारत का है 8.86 बिलियन डॉलर का व्यापार
ईरान और इजरायल से भारत ने FY23 में करीब 8.86 बिलियन डॉलर का व्यापार किया है. जहां इरान से FY23 में भारत ने कुल 2.33 बिलियन डॉलर का व्यापार किया है, जिसमें 1.66 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट और 0.67 बिलियन डॉलर का इम्पोर्ट शामिल है. वहीं, इजरायल के साथ 2023-24 में भारत का कुल 6.53 बिलियन डॉलर (डिफेंस को छोड़कर) का व्यापार है.
भारत-इजरायल के बीच व्यापार
इजरायल के लिए भारत एशिया में दूसरा सबसे बड़ा और ग्लोबली 9वां सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है. दोनों देशों के बीच सबसे ज्यादा डायमंड और केमिकल्स का बिजनेस होता है. हालांकि, पिछले कुछ साल में इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी और हाई-टेक प्रोडक्ट्स, मेडिकल इक्विपमेंट और कम्यूनिकेशन सिस्टम का भी व्यापार होता है.
TRENDING NOW
Pharma सेक्टर के स्मॉलकैप स्टॉक में तुरंत कर लें खरीदारी; मिलेगा मोटा रिटर्न! एक्सपर्ट ने दिया ये टारगेट
कमजोर बाजार में खरीद लें जीरो डेट कंपनी वाला स्टॉक! करेक्शन के बाद बन सकता है पैसा, छुएगा ₹930 का लेवल
Stock Market Closed on 15th November: BSE, NSE पर शुक्रवार को नहीं होगी ट्रेडिंग, चेक कर लें छुट्टियों की लिस्ट
Miniratna Defence PSU के कमजोर Q2 नतीजे, मुनाफे में आई 17% गिरावट, गिरते बाजार में शेयर में दिखी तेजी
भारत ने FY23 में इजराइल से कुल 1339 कमोडिटी को इम्पोर्ट किया था, जबकि इजरायल ने कुल 3475 कमोडिटीज भारत से मंगाई है.
भारत से इजराइल को निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तु (FY23)
- पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स (5.50 बिलियन डॉलर)
- पर्ल, प्रीसियस या सेमी-प्रीसियस स्टोन (1.26 बिलियन डॉलर)
- इंजीनियरिंग आइटम (136.84 मिलियन डॉलर)
- उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स (118.94 मिलियन डॉलर)
- सिरेमिक और संबद्ध उत्पाद (67.01 मिलियन डॉलर)
इज़राइल से भारत को आयात की जाने वाली प्रमुख वस्तु (FY23)
- पर्ल, प्रीसियस या सेमी-प्रीसियस स्टोन (761.58 मिलियन डॉलर)
- फर्टिलाइजर मैन्यूफैक्चर्ड (401.88 मिलियन डॉलर)
- इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स (165.67 मिलियन डॉलर)
- पेट्रोलियम (105.84 मिलियन डॉलर)
- एग्रो केमिकल्स (98.05 मिलियन डॉलर)
भारत-ईरान के बीच व्यापार
भारत मुख्य रूप से ईरान को बासमती चावल, चाय, चीनी, ताजे फल, दवाएं/फार्मास्यूटिकल्स, शीतल पेय-शरबत, मांस, दालों का निर्यात किया जाता है. जबकि ईरान से भारत में मुख्य रूप से मेथनॉल, पेट्रोलियम बिटुमेन, सेब, लिक्विड प्रोपेन, सूखे खजूर, अकार्बनिक/कार्बनिक रसायन, बादाम आदि लाया जाता है.
भारत पर पड़ेगा सीधा असर
शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने कहा कि संघर्ष पहले से ही इजरायल, जॉर्डन और लेबनान जैसे देशों के साथ भारत के व्यापार को नुकसान पहुंचा रहा है.
निर्यातकों के प्रमुख संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) ने कहा कि ईरान-इजरायल संघर्ष में कई तरीकों से विश्व व्यापार और वैश्विक अर्थव्यवस्था को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करने की क्षमता है.
फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा, "ईरान तेल बाजार में एक प्रमुख कारोबारी है. संघर्ष में कोई भी वृद्धि तेल की आपूर्ति को बाधित कर सकती है, जिससे कीमतें बढ़ सकती हैं, जिसका असर वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ेगा, खासकर उनपर जो तेल आयात पर निर्भर हैं. तेल की कीमतें पहले ही चार डॉलर प्रति बैरल बढ़ चुकी हैं."
क्या है ईरान इजरायल के बीच संघर्ष की कहानी
ईरान ने हिजबुल्ला नेता हसन नसरल्लाह की मौत का बदला लेने के लिए मंगलवार रात इजरायल पर करीब 180 मिसाइलें दागीं. इससे एक बार फिर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गए हैं. इजरायल और ईरान की पश्चिम एशिया में बादशाहत को लेकर अदावत पुरानी है, लेकिन ताजा हालात 7 अक्टूबर 2023 को हमास के लड़ाकों द्वारा गाजा पट्टी से इजरायल के घुसकर हमला करने के बाद बने हैं. हमास के इन हमलों में 1,200 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 200 से ज्यादा लोगों को बंदी बना लिया गया.
इसके बाद इजरायल ने संगठित तौर पर अपने आसपास के सभी देशों और संगठनों पर हमला करके उन्हें नेस्तनाबूत करना शुरू कर दिया. जुलाई 2024 में हमास नेता इस्माइल हानिया मारा गया. पेजर अटैक से इजरायल ने हिजबुल्ला की कमर तोड़ दी. ताजा घटनाक्रम में जबुल्ला नेता हसन नसरल्लाह की मौत के बाद ईरान काफी आक्रामक हो गया .। हालांकि वह पहले भी कई मौकों पर इजरायल पर हमले कर चुका है.
ईरान-इजरायल युद्ध में भारत की भूमिका
एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत इस संघर्ष में सक्रिय रूप से शामिल नहीं होगा, लेकिन सभी देशों की अपेक्षा है कि भारत एक मध्यस्थ की भूमिका निभाएगा या शांति का आह्वान करेगा. भारत को इजरायल और ईरान के बीच एक सुरक्षा प्रदाता के रूप में देखा जा सकता है, और यहां तक कि यूक्रेन और रूस के बीच भी उसे ऐसा ही प्रस्ताव दिया जा सकता है. यह सब इस पर निर्भर करता है कि दोनों पक्ष भारत को स्वीकार करते हैं या नहीं. भारत को अब इस भूमिका को निभाने के लिए आगे आना होगा.
11:09 AM IST